इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी बुधवार को अचानक राज्य सचिवालय नवान्न पहुंच गए। वह भी उस समय जब पंचायत चुनाव के नामांकन को लेकर उनके विधानसभा क्षेत्र दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ में पिछले तीन दिनों से बमबाजी, गोलीबारी व हिंसा जारी है। दोपहर करीब तीन बजे उन्हें नवान्न में प्रवेश करते देखा गया। नौशाद अकेले थे। लेकिन वह मुख्यमंत्री से नहीं मिल सके। इसके बाद बाहर निकलने के बाद नौशाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह पंचायत चुनाव से पहले की स्थिति एवं भांगड़ में जारी हिंसा के बारे में मुख्यमंत्री से बात करना चाहते थे। उन्होंने अपने आने की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल के जरिए पहले ही दे दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई। मुख्यमंत्री व्यस्त थीं।उनके पास जनप्रतिनिधियों से मिलने का समय नहीं है।
बता दें कि पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही भांगड़ में अशांति शुरू हो गई। इस क्षेत्र में प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र जमा करने को लेकर झड़पें हो रही हैं। आइएसएफ और सत्तारूढ़ तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं। मंगलवार को वहां दोनों पक्षों में जमकर हिंसा हुई और जमकर बम व गोलियां चलीं। जब पुलिस ने उन्हें रोका तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ भी मारपीट की। तीन दिनों से वहां लगातार हिंसा हो रही है।
नौशाद ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की अभिभावक हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में वे हिंसा की घटनाओं की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए नवान्न गए थे। उन्होंने कहा कि धारा 144 लागू होने के बावजूद भांगड़ में बीडीओ कार्यालय का तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा घेराव कर रखा गया है। विपक्ष नामांकन दाखिल नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री हमारे प्रदेश की अभिभावक हैं तो मैंने सोचा कि उन्हें सूचित किया जाना चाहिए। इसलिए सूचना देने आया था। उससे पहले मैंने मेल किया कि मैं मिलना चाहता हूं। लेकिन मेरे लिए मुख्यमंत्री के पास समय नहीं है। अगर मैं आज आवेदन करता हूं तो हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में मिल सकूं। लेकिन नामांकन जमा करने का काम कल खत्म हो जाएगा। जरूरत पड़ी तो बाद में फिर आऊंगा।
भांगड़ के विधायक ने कहा कि मैं सीधे मुख्यमंत्री से बात करना चाहता था। ताकि उनकी नजर विशेष रूप से भांगड़ पर पड़े। मैं एक जनप्रतिनिधि हूं। आम लोग प्रभावित हो रहे हैं। चाहे वो किसी भी पार्टी के हों। मैं लोगों के लिए भाग कर यहां आया था। भांगड़ में तृणमूल,भाजपा, आइएसएफ या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े लोगों का मैं प्रतिनिधि हूं, मैं सबका प्रतिनिधि हूं। मैं यहां यह सुनिश्चित करने के लिए हूं कि हर कोई सुरक्षित है, कि हर कोई अपना नामांकन सुरक्षित रूप से दाखिल कर सकता है। मतदान सुचारू रूप से हो। सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। वह आयोग पुलिस पर भरोसा कर रहा है और मुख्यमंत्री पुलिस के ऊपर है। इसलिए मैं उन्हें यह सब बताने आया था।