कोलकाता : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए राजबंशी समुदाय के नेता व ग्रेटर कूचबिहार आंदोलन के प्रमुख अनंत महाराज को बुधवार को अपना उम्मीदवार घोषित किया।भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बयान जारी कर इसकी औपचारिक घोषणा की। एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व कूचबिहार से भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक ने उनसे मुलाकात कर पार्टी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उन्हें उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले पार्टी की ओर से प्रत्याशी के तौर पर कई नामों पर चर्चा थी।
अनंत महाराज की बात करें तो वे एक प्रभावशाली राजबंशी नेता हैं और उत्तर बंगाल में इस समुदाय का खासा प्रभाव है। ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन के प्रमुख महाराज लंबे समय से उत्तर बंगाल के जिलों को लेकर अलग ग्रेटर कूचबिहार राज्य बनाने की वकालत करते रहे हैं। पश्चिम बंगाल में अगले महीने खाली हो रही राज्यसभा की सात सीटों के लिए 24 जुलाई को चुनाव होना हैं। इनमें छह सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों व एक सीट पर भाजपा की जीत पक्की है।भाजपा के इतिहास में यह पहली बार है जब बंगाल विधानसभा से कोई राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होगा। 1952 में आचार्य देब प्रसाद घोष बंगाल से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। वह
भाजपा के पूर्व संगठन जनसंघ के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। इसके 71 साल बाद पहली बार बंगाल से राज्यसभा में भाजपा अपना प्रतिनिधि भेजने जा रही है। भाजपा विधायकों की संख्या इतनी है कि अनंत महाराज की निर्विरोध जीत तय है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सोमवार को ही अपने सभी छह उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
2021 चुनाव के समय महाराज की तृणमूल से थी नजदीकियां
वैसे तो 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के समय अनंत महाराज मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ भी नजर आए थे, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा के साथ नजदीकियां बनानी शुरू कर दी। 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर बंगाल में अच्छा प्रदर्शन किया था। राजबंशी समुदाय के उत्तर बंगाल में लगभग 30 प्रतिशत मतदाता हैं, जिनका 54 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। माना जा रहा है इसी को साधने के लिए भाजपा ने महाराज पर दांव चला है।