कोलकाता, विशेष संवाददाता : बंगाल में भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक्शन जारी है। इसी क्रम में मोबाइल गेम ऐप के माध्यम से ठगी व मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने शनिवार को कोलकाता में सुबह से छह जगहों पर घंटों छापामारी अभियान चलाया। इसी छापामारी के तहत गार्डेनरीच इलाके में निसार खान नामक ट्रांसपोर्ट कारोबारी के घर से नोटों का पहाड़ मिला है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, अब तक की गिनती में 12 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। उनके बेटे आमिर खान पर मोबाइल गेम ऐप के जरिए ठगी का आरोप है। कारोबारी के मकान के पहली मंजिल पर एक घर में पलंग के नीचे प्लास्टिक पैकेट में पैक कर बैग में ये रुपये रखे गए थे। मौके से 500 व 2000 रुपये के बड़ी संख्या में नोटों के बंडल मिले हैं। ईडी के अनुसार, नोटों की मात्रा इतनी है कि रुपये गिनने के लिए बैंक से नौ मशीनें मंगाई गई।सुबह 10 बजे से ही नोटों की गिनती चल रही है।मोबाइल गेम ऐप के माध्यम से ठगी के मामले में यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गार्डेनरीच के अलावा पार्क स्ट्रीट, मैकलियोड स्ट्रीट और मोमिनपुर में कुल छह जगहों पर ईडी ने घंटों तलाशी अभियान चलाया।
फेडरल बैंक ने दर्ज कराई थी शिकायत
आरोप के अनुसार, इस मामले में फेडरल बैंक द्वारा महानगर के बैंकशाल अदालत में दायर शिकायत के आधार पर मुख्य दंडाधिकारी के निर्देश पर मुख्य आरोपित आमिर खान व अन्य के खिलाफ कोलकाता पुलिस द्वारा पार्क स्ट्रीट थाने में आइपीसी की धारा 420, 406, 409, 468, 469, 471 व 34 के तहत पिछले साल 15 फरवरी 2021 को मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि आमिर खान, पुत्र- निसार अहमद खान ने ई-नगेट्स नामक एक मोबाइल गेमिंग ऐप लांच किया, जिसे जनता को धोखा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था। प्रारंभिक अवधि के दौरान उपयोगकर्ताओं को कमीशन के साथ पुरस्कृत किया गया था और वालेट में शेष राशि को बिना किसी झंझट के निकालने की अनुमति थी। शुरुआत में विश्वास जीतने के बाद और अधिक कमीशन का लालच दिया जिससे बड़ी मात्रा में उपयोगकर्ताओं ने निवेश किया। आरोप है कि लोगों से अच्छी खासी रकम वसूल करने के बाद अचानक ही उक्त ऐप से सिस्टम अपग्रेडेशन, एलईए द्वारा जांच आदि का बहाना बनाकर निकासी रोक दी गई। इसके बाद प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा को भी उक्त ऐप के सर्वर से हटा दिया गया, उसके बाद उपयोगकर्ताओं को चाल समझ में आ गई। जांच में ईडी को पता चला है कि उक्त संस्थाएं नकली खातों का उपयोग कर रही थीं।
बंगाल से लगातार नोटों की हो रही बरामदगी
बता दें कि पिछले कुछ समय से चिटफंड मामला, शिक्षक भर्ती घोटाला और मवेशी तस्करी मामले में ईडी और सीबीआई की बंगाल में लगातार रेड चल रही है। इससे पहले जुलाई में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी ने 50 करोड़ से ज्यादा की नकदी जब्त की थी। इसके बाद बीते चार सितंबर को राज्य सीआइडी ने मालदा जिले में एक मछली व्यवसायी जयप्रकाश साहा के घर से करीब 1.40 करोड़ रुपये बरामद किए। मछली के व्यवसाय की आड़ में वह मादक पदार्थों का धंधा करता था। इससे पहले हाल में सीबीआइ ने उत्तर 24 परगना जिले के हालीशहर नगर पालिका के चेयरमैन एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता राजू सहनी के घर से चिटफंड मामले में छापेमारी के दौरान 80 लाख रुपये की नकदी और करोड़ों की अवैध संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे।
ईडी की छापेमारी पर गरमाई सियासत, तृणमूल ने उठाए सवाल
इधर, ईडी की छापेमारी पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। स्थानीय तृणमूल विधायक व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों की मदद से कारोबारियों को डराने और बंगाल की अर्थव्यवस्था ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है। इसपर पलटवार करते हुए भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि बंगाल में अर्थव्यवस्था बची कहां है? उन्होंने कहा कि तृणमूल ने बंगाल को नष्ट कर दिवालिया बना दिया है।