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वर्षों से मवेशियों की तस्करी में लिप्त रहा कुख्यात बांग्लादेशी पशु तस्कर खोकन चढ़ा बीएसएफ के हत्थे

कोलकाता : बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास  सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 153वीं वाहिनी के जवानों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक बछड़े के साथ कुख्यात बांग्लादेशी पशु तस्कर को गिरफ्तार किया है।बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि लंबे समय से मवेशियों की तस्करी में लिप्त रहा उक्त तस्कर रात के अंधेरे में बछड़े को सीमा पार कराकर बांग्लादेश में तस्करी की फिराक में था।अधिकारियों ने बताया कि यह घटना गुरुवार मध्यरात्रि की है, जब एक खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए  सीमा चौकी कैजुरी के जवानों ने विशेष अभियान में जाल बिछाकर उसे अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से दबोचा।रात करीब दो बजे उसे पकड़ा गया। गिरफ्तार तस्कर का नाम खोकन सरदार (33) है। वह बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है।153वीं वाहिनी बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि खोकन मवेशियों की सीमा पार तस्करी में कई वर्षों तक लिप्त रहा है और उसका पकड़ा जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

 

पूछताछ में सामने आई अहम जानकारी, पांच वर्षों से मुंबई में कर रहा था काम

 

बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। पूछताछ के दौरान पता कि उसने पांच साल पहले अवैध रूप से कल्याणी बार्डर के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया था और राजमिस्त्री के काम के लिए मुंबई गया था। मुंबई में वह अपने बड़े भाई के साथ मिलकर काम कर रहा था। उसका भाई पिछले 15 साल से गैर कानूनी तरीके से भारत में रह रहा है। आगे पूछताछ में खोकन ने बताया कि बीते तीन अप्रैल को वह मुंबई से हावड़ा स्टेशन पहुंचा। यहां से वापस बांग्लादेश जाते समय उसने तस्करी के उद्देश्य से रास्ते में उत्तर 24 परगना के हटटगंज बाजार से एक मवेशी (बछड़ा) खरीदा और इसे सीमा पार करा कर बांग्लादेश में अलीम मंडल को देने वाला था। उसने स्वीकार किया कि वह पूर्व में कई वर्षों तक मवेशियों की तस्करी में लिप्त रहा है। हालांकि उसने दावा किया कि कुछ वर्ष पूर्व उसने मवेशियों की तस्करी इसलिए छोड़ दी थी, क्योंकि सीमा पर बीएसएफ द्वारा निगरानी बढ़ाए जाने से मवेशी इंडिया साइड से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास नहीं पहुंच रहे थे।बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए तस्कर को पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर के हवाले कर दिया है। वहीं, बछड़े को ध्यान फाउंडेशन के सपुर्द किया जा रहा है।

 

कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ, कहा- किसी सूरत में नहीं होने देंगे तस्करी

 

इधर, इस उपलब्धि पर कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी के इलाके से किसी सूरत में तस्करी  नहीं होने देंगे।

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