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गंगोत्री से रामेश्वरम तक की सद्भावना कांवर पदयात्रा शुरू, पहले दिन कड़ी धूप के बावजूद तय की 31किमी की दूरी

विश्व में शान्ति एवं सद्भाव बनाए रखने के उद्देश्य से सद्भावना यात्रा समिति, दरभंगा के सात सदस्यीय पैदल कांवर यात्रियों ने रविवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगोत्री से कांवर में गंगाजल लेकर रखने के उद्देश्य से पैदल यात्रा करते हुए हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी तट पर अवस्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक रामेश्वरम शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए प्रस्थान किया। यात्रा के पहले दिन यात्रियों ने कड़ी धूप के बावजूद करीब 31किलोमीटर की दूरी तय कर झाला में रात्रि विश्राम किया।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हो रही सद्भावना कांवर यात्रा में शामिल सभी सात मैथिलों का उत्साह पहले दिन परवान पर रहा तो दूसरे दिन दुर्गम पहाड़ी रास्ता तय करते समय मौसम ने रिमझिम बारिश कर औढ़रदानी के भक्तों का स्वागत किया। जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि संपूर्ण विश्व में शांति एवं सद्भावना की स्थापना के उद्देश्य से शुरू हुई इस अभूतपूर्व पैदल कांवर यात्रा के दूसरे दिन कठिन पहाड़ी रास्ता को तय करने के बीच हो रही रिमझिम बारिश ने कांवरियों में उत्साह भरने का काम किया। उन्होंने दूरभाष पर यात्री दल के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा से कुशलक्षेम पूछने के बाद कहा कि मिथिला के आठ करोड़ लोगों की शुभकामनाएं यात्रीदल के साथ चलती रहेगी और यह यात्रा अपने उद्देश्य में ऐतिहासिक सफलता हासिल करेगी।
सद्भावना यात्रा समिति के संयोजक एवं भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आइकॉन सह मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा की अगुवाई में शुरू होने वाली इस सद्भावना पैदल कांवर यात्रा में शुभंकरपुर (दरभंगा) के डा बासुकि नाथ झा, हरिना, झंझारपुर, (मधुबनी) के चिरंजीव मिश्र, भीषम टोल, कछुआ, (दरभंगा) के श्याम राय, रतवारा, (मुजफ्फरपुर) के आशुतोष कुमार एवं रंजीत कुमार झा सहित हरिनगर, सीतामढ़ी के सुदिष्ट ठाकुर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के गंगोत्री से यात्रा आरंभ कर पदयात्री उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना,आँध्र प्रदेश, तमिलनाडु के रामेश्वरम तक जाएँगे। यात्रा के क्रम में कांवर यात्री मिथिला की कला संस्कृति, सभ्यता और भाषा आदि को उन लोगों के बीच प्रचारित व प्रसारित करने के साथ ही वहाँ की कला-संस्कृति आदि से परिचित होंगे।

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