संवाददाता, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य में पंचायत चुनाव के मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर ङ्क्षहसा में मारे गए विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के परिवार से मुलाकात की। राज्यपाल सुबह ट्रेन से जिला मुख्यालय बेरहामपुर पहुंचे और इसके बाद डोमकल, खाडग़्राम, नवग्राम और बेलडांगा जाकर पीडि़त परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी बात की। इन स्थानों पर चुनाव से पहले झड़प व बम विस्फोटों में चार लोगों की मौत हो गई थी।
शाम में कोलकाता रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने हिंसा को लेकर एक बार फिर सख्त संदेश दिया। उन्होंने मतदाताओं से चुनाव में बुलेट का जवाब बैलेट (हिंसा का जवाब वोट) से देने की अपील की। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि हर मतदाता को घरों से निकलकर अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने लोगों में भरोसा जगाने का प्रयास करते हुए यह भी कहा कि शनिवार को मतदान के दिन वह खुद सड़कों पर रहेंगे। हिंसा प्रभावित इलाकों के उनके दौरे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा मजाक उड़ाने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा- मैं लोगों के हितों के लिए शनिवार को सड़कों पर रहूंगा। तृणमूल की यह शिकायत की राज्यपाल अपने प्रचार के लिए ऐसा कर रहे हैं, पत्रकारों के इस सवाल पर राज्यपाल ने कहा- यदि पब्लिसिटी के ही यह है तो मैं इसे बार-बार करूंगा। उन्होंने स्पष्ट कहा- लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए मैं वह सबकुछ करूंगा, जो मेरा संवैधानिक दायित्व है। मैं चाहता हूं कि लोग अपने अधिकारों का सही तरीके से प्रयोग करें। राज्यपाल ने हिंसा को लेकर फिर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जमीनी स्थिति वैसी ही है, जैसे विभिन्न हिंसाग्रस्त क्षेत्रों की है। लोग डर की स्थिति में हैं। राजनीतिक हिंसा बंद होनी चाहिए।
बता दें कि हिंसा को लेकर सख्त राज्यपाल बोस ने गुरुवार को बड़ा आरोप लगाया था कि राज्य के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने आयोग को राजधर्म का पालन करने तक की नसीहत दी थी और चुनाव के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। राज्यपाल इससे पहले दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़, कैनिंग और बासंती तथा कूचबिहार जिले के दौरे पर भी गए थे, जहां राजनीतिक दलों के बीच झड़पें हुई थीं।
तृणमूल ने राज्यपाल को बताया आरएसएस का एजेंट
इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र जागो बांग्ला में लेख के जरिए राज्यपाल पर निशाना साधते हुए उन्हें आरएसएस का करीबी व एजेंट तक बताया है। इसमें आरोप लगाया है कि राज्यपाल पद का राजनीतिक स्वार्थ के लिए व्यवहार हो रहा है। तृणमूल ने राज्यपाल पद के दुरूपयोग को लेकर भाजपा के साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा है। इसमें कहा गया है केंद्र में जिसकी भी सरकार रही है उन्होंने इस पद का दुरूपयोग किया है। इसके साथ तृणमूल ने राज्यपाल को राजभवन छोड़कर राजनीतिक मैदान में उतरने की भी चुनौती दी है।