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पश्चिम बंगाल में राशन दुकानों में प्लास्टिक चावल बांटने के आरोपों का मंत्री ने किया खंडन

Sonu jha

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को प्रश्नोत्तर काल के दौरान हल्दिया से भाजपा विधायक तापसी मंडल ने राज्य सरकार की खाद्य वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए सरकारी राशन दुकानों से प्लास्टिक के चावल का वितरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने आशंका जताई कि इस चावल को खाने वाले लोग बीमार पड़ सकते हैं या स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। सदन में सवाल-जवाब के दौरान भाजपा विधायक के आरोप सुनकर सभी सदस्य हैरान रह गये। हालांकि राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री रथिन घोष ने आरोपों का खंडन करते हुए इसपर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने भाजपा विधायक से कहा- जिसे आप प्लास्टिक चावल समझ रही हैं, असल में वह फोर्टिफाइड चावल है। केंद्र में आपकी सरकार है। केंद्र के निर्देश पर ही इसका वितरण किया जा रहा है। आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल से राज्य के सभी राशन दुकानों से इस चावल का वितरण किया जा रहा है। विशेषकर कुपोषण और एनीमिया को खत्म करने के लिए ये पौष्टिक चावल बांटे जा रहे हैं। केंद्र ने बच्चों में पोषक तत्वों और महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए इस चावल के वितरण का फैसला किया था। विटामिन बी12, फोलिक एसिड और आयरन को मिला कर इस चावल को तैयार किया जाता है। मिड-डे-मील सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल का ही वितरण हो रहा है।
मंत्री ने आगे कहा कि कई लोग इस चावल के बारे में सवाल पूछते हैं। सरकार आम लोगों के भ्रम को दूर करने के लिए प्रचार-प्रसार भी कर रही है।

100 दानों में एक फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता

घोष ने बताया कि यह फोर्टिफाइड चावल भारत सरकार की एक विशेष परियोजना का हिस्सा है। राज्य में चावल के 100 दानों में एक फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है। यानी एक किलोग्राम में लगभग 10 ग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है। इस चावल का एक-एक दाना पौष्टिकता से भरा होता है, जबकि, आम लोग इसे प्लास्टिक का चावल समझ लेते हैं। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार 2022 से फोर्टिफाइड चावल का वितरण कर रही है। पायलट प्रोजेक्ट के पहले राज्य के चार जिले नदिया, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और उत्तर दिनाजपुर से इस चावल का वितरण शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि राज्य में आठ करोड़ 80 लाख राशन कार्ड धारक हैं। सभी कार्डधारकों को यह चावल दिए जा रहे हैं। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य में लगभग 97 प्रतिशत राशन कार्ड को आधार से लिंक कर दिया गया है।

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