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ऐतिहासिक रामलीला की हुई बक्सर में शुरुआत अंग्रेजों के दौर में शुरू हुई थी रामलीला आज भी जारी

भगवान श्री राम के शिक्षस्थली और महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि बक्सर से ऐतिहासिक रामलीला का आज आगाज हो गया 1947 के दौर से शुरू हुई यह रामलीला 21वीं सदी में भी अनवरत जारी है.. इस ऐतिहासिक रामलीला का प्रभाव इतना है कि आज भी लोग शुरुआत हेतु पहले से आकर बैठ जाते हैं और इंतजार करते रहते हैं… बहरहाल आज विधिवत रामलीला की शुरुआत हो गई जिसमें गणेश पूजा के साथ शिव विवाह के प्रसंग को दिखाया गया इस बात की जानकारी देते हुए रामलीला कमेटी के सदस्य ने बताया कि यह 21 दिनों तक ये रामलीला चलेगी जिसमे आज गणेश पूजा के साथ शुरू हो ने के बाद शिव विवाह के प्रसंग को दिखाया जाएगा फिर ये भारत मिलाप के साथ समाप्त होगी उन्होंने यह भी बताया कि रामलीला को हमारे पूर्वज भी चलाते थे अब हम लोग इस रामलीला को चलते हैं यहां पर मथुरा और वृंदावन के लोग रामलीला करने हेतु आते हैं और सब का मन मोह लेते हैं…

वही इस ऐतिहासिक रामलीला का उद्घाटन करने हेतु मुख्य अतिथि के रूप में एसपी आनंद मिश्रा पहुचे हुवे थे जो वर्तमान में असम के लखीमपुर खीरी में पोस्टेड है प जहां उनके द्वारा यह कहा गया कि भगवान श्री राम की महिमा हमे खीच लाई है और चुकी मैं बक्सर का ही हूं ऐसे में इस रामलीला मैं पहुंचा हुआ हूं…

क्या है महत्व इस राम लीला का

आजादी के उस दौर में जब आम जनता अंगेजो के डर और फुट डालो की राजनीति से भारत पर अपना प्रभाव जमाए हुवे थे तो आम जनता के बीच आपसी सोहाद्र और एकजुटता बानने हेतु इस रामलीला का आधार रखा गया ..जानकार बताते है कि 1947 से सुरु हुई रामलाल में यूपी के लोग भी देखने आते थे ऐसे में आजादी के दौर में सुर हुई रामलीला से भगवान श्री राम के प्रभाव ने ऐसा रंग जमाया की लोग एकजुट हो कर अंगेजो के बिरोध में खड़े रहे ..

 

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