sonu jha
कोलकाता : बंगाल में लगभग सभी निजी बीएड कालेजों ने बिना अनुमति के भी छात्रों को अस्थायी या सशर्त प्रवेश दे दिया है। परिणामस्वरूप लगभग 30 हजार छात्रों का भविष्य अधर में फंसता दिख रहा है। गौरतलब है कि राज्य में इस साल शिक्षण पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले 253 निजी बीएड कालेजों को प्रवेश की सरकारी मंजूरी रद कर दी गई है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि ऐसे कालेजों की संख्या तीन सौ से ज्यादा है। राज्य की बीएड यूनिवर्सिटी का कहना है कि इन कालेजों की मान्यता का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। आरोप है कि ऐसे कालेजों को चलाने के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित विशिष्ट नियमों का उन कालेजों में पालन नहीं किया। इस संबंध में राज्य की बीआर अंबेडकर बीएड यूनिवर्सिटी ने पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन कुछ निजी कालेजों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
इसीलिए नियम का पालन नहीं करने वाले कालेजों की मान्यता रद कर दी गई। नतीजतन, शिक्षक बनने के इच्छुक हजारों छात्रों का भविष्य अनिश्चितता का सामना कर रहा है। कई शर्तें पूरी नहीं करने के कारण इन कालेजों को छात्रों के एडमिशन के लिए प्रवेश लिंक नहीं मिला है। यह लिंक बीआर अंबेडकर बीएड विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इसको लेकर निजी कालेजों की ओर से विश्वविद्यालय अधिकारियों पर दबाव बनाए जाने की भी खबर है।
निजी कालेजों के मालिकों का दावा है कि कई अन्य संस्थानों को शर्तें पूरी किए बिना ही एडमिशन के लिंक मिल गए हैं। इसके पीछे विश्वविद्यालय के एक वर्ग पर कथित वित्तीय लेनदेन के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपों को खारिज किया है। इधर, छात्रों का भविष्य क्या होगा, यह अब देखने के लिए बात होगी i