ब्यूरो रिपोर्ट
दरभंगा–समाहरणालय दरभंगा के परिसर में मखान स्वाद मिथिला स्टॉल का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन ने किया गया। इस अवसर पर स्टॉल के संचालक तथा (पीएलयू) प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष श्री राजीव रंजन ने जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी राजेश झा राजा, संयुक्त निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी राजीव कुमार झा, उप निदेशक सांख्यिकी शंभू प्रसाद, जिला उद्यान पदाधिकारी नीरज कुमार झा, श्रम अधीक्षक राकेश कुमार रंजन,डीडीएम नाबार्ड राजनंदनी को मखान से बने विभिन्न व्यंजन खिलाकर, जिसमें मखान खीर, मखान बिस्किट मखान अनरसा मखान नमकीन का स्वाद चखया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने मखान व्यंजनों की काफी तारीफ की एवं उपस्थित संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र की विशेष पहचान मखान है और मिथिला मखान को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है। मिथिला का मखान पूरे देश में पहचान बना रहा है, मखान का उत्पाद विभिन्न प्रकार के फ्लेवर में है ,बिस्किट मखान, मखान खीर, अनरसा मखान, नमकीन इत्यादि की माँग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। मिथिला मखान का स्टॉल एयरपोर्ट पर भी खुला हुआ है, कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर भी बना हुआ है। हम प्रयास कर रहे हैं कि इस विशिष्ट पहचान के साथ मिथिला का मखान पूरे देश विदेश में और पहचान बनावे।
उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा रानी ने भी मखान स्वाद मिथिला का स्टॉल का अवलोकन किया तथा मखान के विभिन्न व्यंजन चखा। इस अवसर पर स्टॉल के निदेशक ने बताया कि जी-20 की अंतिम बैठक में, मखान को उपस्थित सभी राष्ट्रीय अध्यक्षों के बीच परोसा गया, जिसके कारण इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हजार गुना ज्यादा माँग बढ़ गई है, जिससे मखान उत्पादक किसानों के लाभ में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
बिहार सरकार भी मखान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति हेक्टेयर मखान उत्पादन के लिए 68 हजार की सब्सिडी प्रदान कर रही है, साथ ही राष्ट्रीय मखान अनुसंधान केंद्र दरभंगा द्वारा विकसित मखान बीज स्वर्ण वैदेही से मखान के प्रति हेक्टेयर उत्पादन दर में काफी वृद्धि हुई है। चिकित्सीय अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार 100 ग्राम मखान से 347 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है, जिनमें 9.7 ग्राम प्रोटीन, 0.8 ग्राम फैट्स, 76.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 14.5 ग्राम फाइबर, 60 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.4 मिलीग्राम आयरन टोटल लिपिड शामिल है।
मखान व्यंजन गुर्दा, लीवर और दिल के लिए काफी फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से हड्डी मजबूत होती है। वजन घटाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है। यह शरीर के विभिन्न हारमोंस को संतुलित करता है तथा संतान उत्पत्ति क्षमता में वृद्धि करता है। इस अवसर पर अरुण कुमार झा, गुड्डू सहनी, प्रमोद सहनी, शैलेंद्र मिश्रा, शिवनारायण चौधरी, मनमोहन, बसंत कुमार एवं अन्य सभी उपस्थित थे