हावड़ा : हावड़ा के शिवपुर स्थित बेताईतला में मुखर्जी परिवार के घर की सरस्वती पूजा 59 वर्ष पार कर इस बार 60 वर्ष में प्रवेश कर गई है। यह पूजा चार पीढ़ियों से चली आ रही है। किसी समय मुखर्जी परिवार में यह पूजा छोटे भाई- बहनों के खेलने के विचार से शुरू हुई थी। प्रारंभिक काल के प्रणेता आज अधिक नहीं हैं, परंतु उन बुजुर्गों का स्थान नई पीढ़ी ने ले लिया है। 2024 में यह पूजा साठवें वर्ष में प्रवेश कर गई। हर साल काफी धूमधाम से आयोजित होने वाली इस सरस्वती पूजा को क्षेत्र में मुखर्जी हाउस पूजा के नाम से जाना जाता है। सरस्वती पूजा के एक दिन पहले से लेकर कई दिनों तक तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में इस परिवार के बच्चे सहित आसपास के छोटे-छोटे बच्चे शामिल होते हैं। पूजा का आनंद लेने के लिए कहीं कोई कमी न रह जाए, इसलिए मुखर्जी परिवार के आस पड़ोस में जो लोग रहते हैं, उनके घरों में खाना बनाना भी कुछ दिनों के लिए बंद रहता है।सभी सरस्वती पूजा के दौरान एक जगह सामूहिक रूप से खाना बनाते हैं। साथ ही सभी एकत्रित होकर पूजा का आनंद लेते हैं। 1965 से ही यहां पूजा का आयोजन हो रहा है, लेकिन समय के साथ पूजा में कई बदलाव हुए हैं। मुखर्जी परिवार की सरस्वती पूजा का आकर्षण इतना है कि आसपास पड़ोस के कई लोग जो
नौकरी व अन्य काम के सिलसिले में हावड़ा से बाहर रहते हैं, वे भी इस पूजा के समय आते हैं और इसका आनंद उठाते हैं। कोई बेंगलुरु से, कोई पुणे से, कोई हैदराबाद से, कोई दिल्ली से, कोई राजस्थान से, सभी जुटते हैं। सरस्वती पूजा के दिन सभी देवी मां को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और उसके बाद प्रसाद व भोजन वितरण शुरू होता है। इस बार पूजा आयोजन की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सेवाश्रम संघ के श्री स्वागत नंदजी महाराज ने मंगलवार को मुखर्जी परिवार के सरस्वती पूजा की विधिवत शुरुआत की। बुधवार को सरस्वती पूजा पर यहां पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी, इसके लिए पूरी तैयारियां की गई है।
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