हर साल की तरह इस बार भी गिरमिटिया महोत्सव 2023 का आयोजन गिरमिटिया फाउंडेशन के द्वारा 27 मई को नेशनल म्यूजियम आयोजित किया गया।
गिरमिटिया महोत्सव का आयोजन भारत वंशी गिरमिटिया पूर्वजों के याद में उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से किया जाता है। गिरमिटिया भारत से इमिग्रेशन का बड़ा इतिहास रहा है। जिसकी शुरुआत सन 1834 में हुई थी। अंग्रेजों ने गन्ने के खेती हेतु बड़ी संख्या में भारत से मजदूरों को एक एग्रीमेंट के तहत मॉरीशस , फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, दक्षिण अफ्रीका, जमैका सहित कई छोटे छोटे द्वीप पर ले गए थे। लेकिन यह अप्रवासन सुखद सपनों के आड़ में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों मजदूरों के साथ छल था। गरीब लाचार अशिक्षित भारतीय मजदूरों को एग्रीमेंट कहने तक नहीं आता था। वो एग्रीमेंट को गिरमिट कहने लगे और बाद में यही गिरमिट और गिरमिटिया कहलाने लगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विदेश व संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी थी।
इसके अलावा भारत में मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और जमैका, के उच्चायोग विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में वेस्ट इंडीज की शास्त्रीय संगीत गायिका संगीता जगदेव और बिहार से चंदन तिवारी द्वारा गिरमिटिया यात्रा पर संगीतमय प्रस्तुति किया गया।
पहली बार इस विषय पर गोरखपुर से आए कलाकरों द्वारा नाटक का मंचन किया। जिसे देख सबकी आंखें नम थी।
गिरमिटिया रत्न सम्मान इस बार तीन लोगों को दिया गया। जो सूरीनाम से आए थे।