– मतदान शुरू होते ही कई जिलों में बूथ पर कब्जे से लेकर मतपत्रों को लूटने की हुई दर्जनों घटनाएं
– मुर्शिदाबाद, कूचबिहार सहित विभिन्न जिलों में चला ङ्क्षहसा का तांडव, जमकर चले बम व गोली
– कूचबिहार में भाजपा के पोलिंग एजेंट की हत्या, मतदान केंद्रों में तोडफ़ोड़ व आगजनी
– दो जगहों पर पीठासीन अधिकारी तक को पीटा गया
– शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत हुआ मतदान
संवाददाता, कोलकाता/हावड़ा : चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सभी 22 जिलों में शनिवार को एक साथ हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा से पूरा राज्य फिर लहूलुहान हो गया। ग्राम पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति की करीब 64,000 सीटों के लिए सुबह मतदान शुरू होते ही विभिन्न जिलों से भारी हिंसा, झड़प, बूथ पर कब्जा, मतपत्रों को लूटने और मतदाताओं को डराने की जो घटनाएं शुरू हुई वह शाम तक जारी रही। हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 में से करीब 600 कंपनी केंद्रीय बलों एवं 1.70 लाख से ज्यादा पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले बीती रात से लेकर शनिवार शाम तक हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि दर्जनों लोग बम- गोली व झड़प में घायल हुए हैं।
इसी के साथ आठ जून को चुनाव की घोषणा के बाद से हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। हालांकि राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को तीन लोगों की मौत की ही बात कहीं है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, करीब 58,594 बूथों पर हुए मतदान में शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 2.06 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला हुआ। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। सबसे संवेदनशील मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना, मालदा व बीरभूम जिला, जो पिछले चुनावों के दौरान हमेशा हिंसा का केंद्र रहा है, वहां फिर बड़े पैमाने पर हिंसा का तांडव देखने को मिला। मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक पांच मौतें हुई हैं। इसके बाद मालदा, पूर्व बद्र्धमान व कूचबिहार में दो-दो और दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, नदिया व उत्तर दिनाजपुर में एक- एक व्यक्ति की मौत की खबर है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सबसे ज्यादा नौ, भाजपा व कांग्रेस के दो-दो जबकि एक माकपा कार्यकर्ता एवं एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक की मौत का दावा किया गया है। हावड़ा जिले में भी कई स्थानों पर हिंसा हुई।
मुर्शिदाबाद व कूचबिहार के कुछ इलाकों में तो मतपेटियों को नष्ट करने, इसे लेकर भागने व मतदान केंद्र में आग लगाने तक की घटनाएं सामने आई। कूचबिहार के फलीमारी में भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
मतपत्रों की बड़े पैमाने पर हुई लूट
कई बूथों पर एक घंटे में ही मतदान तक संपन्न हो गया, कहीं रात में ही वोट छाप दिया और कहीं बैलेट पेपर और मतपेटी नाले में मिला। मतपेटियों व मतपत्रों की बड़े पैमाने पर लूट हुई। विपक्षी दलों ने अधिकांश मामलों में तृणमूल कांग्रेस पर बूथ लूटने, हमले व हत्या का आरोप लगाया है। कूचबिहार के दिनहाटा में एक केंद्र पर मतपेटियों को तोड़ दिया और मतपत्रों में आग लगा दी। ऐसी ही घटना बीरभूम के आमडंगा में घटी। कई जगहों पर जमकर बमबाजी व गोलीबारी हुई। दो जगहों पर तो पीठासीन अधिकारी तक को पीटा गया। ङ्क्षहसा वाले अधिकांश बूथों पर केंद्रीय बल के जवान नहीं दिखे। वहीं, पुलिस व मतदान कर्मी मूकदर्शक बने रहे।
गृह मंत्री ने हिंसा पर मांगी रिपोर्ट
इस बीच हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से बात कर रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को फोन कर हिंसा के संबंध में जानकारी ली है।