Sonu jha
कोलकाता : कोलकाता स्थित पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सकों ने एक युवक के शरीर में एक साथ जोड़ा अंगों को सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित (प्रत्यारोपण) कर इतिहास रचा है।
चिकित्सकों के अनुसार, 34 वर्षीय उक्त युवक के शरीर में शुक्रवार को घंटों के आपरेशन के बाद दोनों किडनी और लीवर एक साथ प्रतिस्थापित किया गया। मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, उक्त मरीज की दोनों किडनी पहले ही खराब हो चुकी थी। बाद में हेपेटाइटिस-सी संक्रमण से लीवर सिरोसिस भी हो गया था।
उनका नाम अमित कुमार (34) है। अमित मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। चिकित्सकों के अनुसार, ऐसे मामलों में ऐसे मरणोपरांत दाता को ढूंढना मुश्किल होता है जिसमें दोनों अंगों का एक साथ मिलान हो सके।
इस बीच बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूपनगर थाना के ग्यासपुर के रहने वाले जगदीश मंडल (48) की ब्रेन डेड के बाद वह मिलान संभव हो सका। सड़क दुर्घटना में घायल मंडल को चिकित्सकों ने 23 अगस्त को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। घर वालों ने उनके अंगदान का निर्णय लिया।
स्वजनों की सहमति के बाद एसएसकेएम अस्पताल के डाक्टरों ने मंडल की दोनों किडनी और लीवर के अलावा हृदय, त्वचा और कार्निया को निकालकर संरक्षित किया। ब्रेन डेड के बाद भी उनके ये अंग काम कर रहे थे। इसके बाद इनमें से उनकी दोनों किडनी व लीवर को अमित कुमार के शरीर में एक साथ प्रतिस्थापित करके इस जटिल प्रत्यारोपण को अंजाम दिया गया।
एसएसकेएम अस्पताल के हेपेटोलाजी विभाग के प्रमुख चिकित्सक अभिजीत चौधरी के अनुसार, यह पूर्वी भारत का पहला इस तरह का प्रत्यारोपण है। चौधरी ने कहा कि ऐसे जोड़ा प्रत्यारोपण के मामले में पहले लीवर प्रत्यारोपण आपरेशन किया जाता है और फिर किडनी का।
हालांकि, दीर्घकालिक एनेस्थीसिया कई चुनौतियां पेश करती है, पर हम इसमें सफल रहे। एसएसकेएम के अधिकारियों के मुताबिक, लिवर ट्रांसप्लांट शुक्रवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और करीब साढ़े सात घंटे तक चला। इसके बाद शाम करीब चार बजे से किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हुआ और कुछ घंटों में इसे पूरा किया गया।