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भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने की धूपगुड़ी उपचुनाव में हार की गहन समीक्षा

 

कोलकाता : भाजपा के केंद्रीय नेताओं की एक टीम ने उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले की धूपगुड़ी विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में पार्टी की हार के कारणों की गहन समीक्षा की है। प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। केंद्रीय टीम का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने किया।

 

प्रदेश भाजपा के एक नेता ने बताया कि चुनाव परिणाम आने के बाद इसकी समीक्षा के लिए राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए संतोष व अन्य केंद्रीय नेताओं ने शनिवार और रविवार को यहां पार्टी के राज्य नेतृत्व के साथ कई दौर की बैठकें की। केंद्रीय नेताओं ने इस दौरान कम अंतर से ही सही, लेकिन पार्टी प्रत्याशी की हार के कारणों की विस्तृत समीक्षा की।

 

 

इस दौरान उन्होंने प्रदेश इकाई को 2024 के लोकसभा चुनाव की बड़ी लड़ाई से पहले सांगठनिक कमजोरी दूर करने व बूथों की मजबूती को लेकर कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान संतोष के अलावा बंगाल के दोनों केंद्रीय प्रभारी सुनील बंसल व मंगल मांडे सहित सह- प्रभारी अमित मालवीय मौजूद रहे।

 

 

प्रदेश इकाई के नेता ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व धूपगुड़ी की हार को काफी गंभीरता से देख रहा है क्योंकि 2021 के बंगाल विधानसभा में इस निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के बिष्णुपद राय चुने गए थे।

 

 

जुलाई में उनका आकस्मिक निधन हो गया था, जिस कारण यह सीट खाली हो गई थी। उत्तर बंगाल भाजपा के लिए सबसे मजबूत गढ़ रहा है, बावजूद इसके सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उपचुनाव में यह सीट महज 4,309 वोटों के अंतर से उससे छीन ली।

 

 

 

इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल उत्तर बंगाल के आठ लोकसभा क्षेत्रों में से एक भी जीतने में कामयाब नहीं हुई थी। 2019 में जहां भाजपा के उम्मीदवारों ने उस क्षेत्र में सात लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं कांग्रेस ने एक सीट पर जीत हासिल की।

 

 

2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में भी दक्षिण बंगाल की तुलना में उत्तर बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर था। भाजपा की राज्य समिति के एक सदस्य ने नाम न छापने की सख्त शर्त पर कहा कि धूपगुड़ी में तृणमूल की जीत का अंतर इतना अधिक नहीं है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कमियां दूर न किया जा सके।

 

हार पर पार्टी के भीतर उठे थे सवाल

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने प्रदेश नेतृत्व की आलोचना करते हुए लोकसभा चुनाव से पहले उचित आत्म मूल्यांकन करने और संगठनात्मक कर्मियों को दूर करने का आह्वान किया था। बंगाल में पार्टी के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सांसद दिलीप घोष ने भी चुनाव परिणाम पर आत्म मूल्यांकन की बात कही थीं।

 

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