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दो दशक बाद ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज का होगा हेल्थ आडिट

 

– दो महीने बाद मंगवाए जाएंगे

ग्लोबल टेंडर

– आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञों की देखरेख में होगा आडिट का काम

 

कोलकाता : ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज व्यस्ततम पुलों में से एक है।  वहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं।इस ब्रिज के संरक्षक, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (पूर्व में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) करीब दो दशक बाद अब हावड़ा ब्रिज का हेल्थ आडिट कराने जा रहा है।पोर्ट के नवनियुक्त चेयरमैन रथेंद्र रमन ने बुधवार को पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि दो महीने बाद इस काम के लिए ग्लोबल टेंडर मंगवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हेल्थ आडिट का काम आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञों की देखरेख में होगा। इसके लिए पोर्ट प्रबंधन पहले से आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार,  हालांकि हावड़ा ब्रिज की सेहत का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है, लेकिन आखिरी हेल्थ आडिट 2003 में हुआ था, जो 2005 में खत्म हो गया था।  करीब 20 साल बाद फिर से इस हेल्थ आडिट की योजना बनाई गई है। आइआइटी मद्रास के अलावा नेशनल टेक्नोलाजी सेंटर फार पोर्ट्स वाटरवेज और कोस्टल हावड़ा ब्रिज हेल्थ आडिट के प्रभारी होंगे। दरअसल,

आइआइटी मद्रास शिपिंग मंत्रालय की प्रौद्योगिकी शाखा के रूप में भी काम करता है, जो बंदरगाहों, जलमार्गों और नदी तटों आदि के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है। केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय के अधीन ही कोलकाता पोर्ट है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक बार आडिट के काम का दायरा परिभाषित हो जाने के बाद, यदि आवश्यक हुआ तो बाहरी विशेषज्ञों को शामिल करने पर भी विचार किया जा सकता है।

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