Sonu jha
कोलकाता : किसी दागी अपराधी को पंचायत के मुखिया पद पर नहीं बिठाया जा सकता। पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर ऐसा निर्देश राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने जिला नेतृत्व को दिया है। तृणमूल नेतृत्व ने राज्य में 16 अगस्त तक तीनों स्तर की पंचायतों में बोर्ड का गठन करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पिछले दिनों विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पार्टी विधायकों को यही निर्देश दिए थे। पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर पदाधिकारियों के चयन में जिला नेतृत्व को सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जा सकता जिससे पार्टी को पंचायतों के गठन पर परेशानी हो। साथ ही बताया गया है कि क्षेत्र में किसी भी दागी व्यक्ति को किसी भी पंचायत का मुखिया नहीं बनाया जा सकता है।
जिला परिषद के गठन के लिए जिला नेतृत्व को नामों की सूची तृणमूल राज्य नेतृत्व को भेजनी होगी। प्रदेश नेतृत्व उक्त नाम से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी का चयन करेगा। हालांकि, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के गठन की जिम्मेदारी जिला प्रमुख, ब्लाक प्रमुख, क्षेत्रीय विधायक और निर्वाचित पंचायत सदस्यों को दी गई है। पंचायत समिति के मामले में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कार्यकारी अधिकारियों को पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार नामित किया जाएगा। ऐसे में जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष, विधायक और पंचायत समिति में सत्तारूढ़ दल के निर्वाचित सदस्य बैठ कर पदाधिकारियों के नाम तय करेंगे।
ग्राम पंचायतों में प्रमुखों और उप प्रमुखों के मनोनयन के लिए ग्राम पंचायतों में चुने गए जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष, विधायक और तृणमूल सदस्य जिम्मेदार होंगे। लेकिन दोनों ही स्थिति में क्षेत्र में बदनाम किसी भी व्यक्ति को पंचायत का मुखिया नहीं बनाया जा सकता।तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और नगर मंत्री फिरहाद हकीम ने पंचायतों के गठन को लेकर प्रदेश नेतृत्व के निर्देशों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। मुर्शिदाबाद और मालदा जिले के नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों की जानकारी दी गई। शीर्ष नेतृत्व ने जिले के नेताओं को यह संदेश भी दे दिया कि आदेश नहीं मानने पर प्रदेश नेतृत्व जवाबी कार्रवाई करेगा।