Sonu jha
कोलकाता : मानसिक रोगों से उबर चुके लोगों के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्थापित हाफ वे होम (एचडब्ल्यूएच) वरदान साबित हो रहा है। राज्य की महिला व बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री डा शशि पांजा ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल में यह जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि कई बार इलाज के बाद मानिसक रूप से बीमार मरीज को फिट घोषित कर दिया जाता है, लेकिन विभिन्न कारणों से उस व्यक्ति को तुरंत परिवार को नहीं सौंपा जाता है। इसमें उनके पास या तो अपना घर नहीं होता है, या फिर परिवार उन्हें तुरंत अपने गले नहीं लगाता। ऐसे लोगों को कुछ दिनों के लिए उक्त होम में रखा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में दो एचडब्ल्यूएच हैं। इनमें एक राजधानी कोलकाता में और दूसरा मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में स्थित है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस होम का नाम प्रत्यय दिया है। पांजा ने बताया कि इनमें पिछले साल सात जुलाई को मुख्यमंत्री ने महानगर के बांडेल गेट स्थित लुंबिनी पार्क मेंटल हास्पिटल के सामने प्रत्यय का उद्घाटन किया था। होम में 18 से 55 वर्ष के 50 पुरुष और 50 महिलाओं के रहने की व्यवस्था है। महानगर के पावलोव और लुंबिनी पार्क मेंटल हास्पिटल में इलाज के बाद स्वस्थ होने वाले रोगियों को यहां रखा जाता है।
उन्होंने बताया कि बहरमपुर के होम में कूचबिहार, पुरुलिया और बहरमपुर के मानसिक अस्पतालों में इलाज के बाद स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले रोगियों को रखा जाता है। उन्होंने बताया कि उक्त होम को मानिसक अस्पतालों के निकट ही बनाया गया है, ताकि किसी आपात स्थिति में मानिसक रोगियों का इलाज हो सके। वहीं, मंत्री द्वारा सदन में इसकी जानकारी दिए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने भी राज्य सरकार की प्रत्यय पहल की सराहना की। अध्यक्ष ने कहा, मुझे नहीं पता कि देश के किसी अन्य राज्य में भी ऐसी सुविधाएं हैं या नहीं।
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