नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए विश्व के शीर्ष नेताओं का अभिनंदन किया। इस दौरान ओडिशा के सूर्य मंदिर का कोणार्क चक्र बैकग्राउंड के तौर पर नजर आ रही थी। प्रधानमंत्री उस प्रतिकृति के सामने खड़े होकर शीर्ष नेताओं का स्वागत कर रहे थे।
कोणार्क चक्र के साथ ही एक ओर जी-20 का लोगो नजर आ रहा था, जबकि दूसरी ओर वसुधैव कुटुंबकम की थीम नजर आ रही थी। कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरङ्क्षसह देव प्रथम के शासनकाल में हुआ था। इस चक्र को तिरंगे में भी अपनाया गया है।
यह भारत के एतिहासिक ज्ञान, सभ्यता और वास्तुकला की श्रेष्ठता को बताता है। इस चक्र में 24 तीलियां हैं। इस चक्र की गति समय, कालचक्र को दर्शाती हैं।
यह विकास और निरंतर बदलाव का भी परिचायक है। यह लोकतंत्र के शक्तिशाली पहिये का भी प्रतीक है, जो समाज में विकास को परिलक्षित करता है।
गले लगाकर, हाथ मिलाकर गर्मजोशी से स्वागत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित अन्य शीर्ष नेताओं का स्वागत किया गया। इस दौरान शहनाई पर वैष्णव जन और पधारो मारो देश जैसी धुन बजाई जा रही थीं।