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परंपरा के साथ मना करवाचौथ

 

संघमित्रा सक्सेना
कोलकाता: वुधवार को राज्य भर में हर्ष और उल्लास के साथ करवाचौथ मनाया गया। सुहागन महिलाएं लाल जोड़ों में अपने अपने जीवन साथी के लिए लंबी उम्र की दुयाएं मांगी। हिंदू शास्त्र के अनुसार करवाचौथ वह ब्रत हैं जिसे सुहागन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना करते हुए उपवास रखती हैं। घर की मंदिर में श्याम को गौर की पूजन की जाती हैं। गौर माता की पूजन के उपरांत चांद का अरघ दिया जाता हैं। कहावत हैं कि चांद ही करवाचौथ व्रत धारी का हर मनोकामना पूरी करती हैं।

 

करवाचौथ की कहानी: एकबार एक बहन ने अपनी करवाचौथ पर अपने पियर आई हुई थी। करवाचौथ वाले दिन उसने अपनी पांच भाबियों के साथ ब्रत रखी। सुबह से भूखे प्यासे रहते रहते परेशान बहन को देख, पांच भाई ने पेड़ पर चढ़कर, टॉर्च जलाया और सामने से चलनी रख दिया जिसे लगे की चांद निकल आई हैं। फिर जोर जोर से चिल्लाकर अपनी बहन को बुलाया कि बहन चांद निकल आई हैं। बहन ने भाइयों की बात मानकर आरघ दे दी लेकिन इसके तुरंत बाद ही उसके पति का देहांत हो गया। रोती बिलखती बहन ने भाइयों को जब यह खबर सुनाई तब पांचों भाई को अपनी गलती का एहसास हुआ। इधर गौर माता के पास अपनी सुहाग के लिए गुहार लगाती देख, गौर और चांद ने उसे अपनी पति का अंतिम संस्कार करने मना करती हैं।

 

गौर की अनुसार हर रोज उसे एक लाचार बूढ़ी औरत की दिल से सेवा करनी होगी। रोज उसका झूटन अपनी मरे हुए पति के कमरे में रखनी होगी। ऐसा लगातार एक महीना करना होगा। जबतक वह बूढ़ी औरत सेवा से खुश नहीं होती हैं तब तक। फिर क्या था, एक महीना बाद बूढ़ी ने उस लड़की से कहा कि देख तेरा पति जिंदा हो गया हैं। जा, अभी उसका सेवा कर। यह कहकर वो गायब हो जाती हैं। तब लड़की को समझ आता है कि यह साक्षात देवी गौरा थी, जिन्होंने वेश बदलकर यहां आई थी।

 

करवाचौथ की फरारी:
करवाचौथ की कठिन ब्रत में महिलाएं एक दिन पहले से उपवास करती हैं। मारवाड़ी, पंजाबी, कायस्थ परिवार इस ब्रत को बड़े ही उत्साह से मानती हैं। साबू दाने की खिचड़ी, दूध मखाना, लौकी की खीर, कुट्टू की पूरी और कलेरा हुआ आलू की सब्जी इसमें ग्रहण कर सकते हैं। इसके अलावा फरारी में ड्राई फ्रूट्स भी इस्तेमाल कर सकते है।

 

पश्चिमी देशों में वैलेंटाइन बहुत चर्चित हैं। आजकल भारतवर्ष में वैलेंटाइन डे बड़े ही चाव से जोड़ियां सेलिब्रेट करती हैं लेकिन भारत की अपनी संस्कार करवाचौथ की महत्त्व वैलेंटाइन डे से कई ज्यादा हैं क्योंकि यह हमारी संस्कृति और प्रेम को दर्शाती हैं। बात हिंदुस्थान की तरफ से सभी सुहागन महिलाओं को करवाचौथ की शुभकामनाएं।

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