चीन ने पीएलए रॉकेट फ़ोर्स के शीर्ष कमांडर बर्खास्त किये,चीन की सेना में भ्रष्टाचार सदियों से रहा है | इसका उदाहरण प्रथम चीन-जापान युद्ध के दौरान उनके उत्तरी बेड़े के विनाश का कारण तोप के गोलों में बारूद के बजाय रेत का भरा होना था |
राजीव कुमार श्रीवास्तव -रक्षा विश्लेषक
31 जुलाई को चीन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा कर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) रॉकेट फोर्स के दो शीर्ष जनरलों को बदलने की जानकारी दी । रॉकेट फोर्स के नए प्रमुख नौसेना के पूर्व डिप्टी कमांडर वांग हूबिन हैं। वह वायु सेना से लाए गए राजनीतिक कमिश्नर जू ज़िशेंग के साथ काम करेंगे।
31 जुलाई, बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जनरल रैंक पर पदोन्नत हुए सैन्य अधिकारियों के साथ
जून महीने से राकेट फ़ोर्स के शीर्ष अधिकारीयों पर भ्रष्टाचार के आरोप और उनके डिप्टी कमांडर के आत्महत्या की खबरें लीक हो रही थी पर आधिकारिक तौर पर कोई कहने को तैयार नहीं था | पिछले पीएलए रॉकेट फोर्स कमांडर, और उनके डिप्टी के साथ- अन्य कई सैन्य अधिकारीयों को जून में हिरासत में लिया गया था। चीन ने अभी तक उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के जांच की औपचारिक घोषणा नहीं की है।चीन का सैन्य खबर जयादातर रूस के माध्यम से ही दुनिया के सामने आता है क्योंकि दोनों कम्युनिस्ट देशो में उच्च स्तर पर काफी अच्छे संबंध हैं | किन्तु यूक्रेन ऑपरेशन्स के बाद रूस के विश्वव्यापी राजनयिक निष्कासन के बाद चीन के सैन्य जानकारियां मिलना लगभग बंद सा हो गया है |
जानकारी की कमी चीन के पूर्व विदेश मंत्री के लापता होने की भी याद दिलाती है, जिन्हें पिछले महीने पद से हटाया गया और इसकी सूचना ने विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया था |
इस बदलाव का मतलब यह नहीं है कि चीन ताइवान पर तुरंत या निकट समय में आक्रमण की तैयारी कर रहा है, जैसा कि कुछ पश्चिमी देशों के विश्लेषकों ने सुझाव दिए हैं । चीन की सेना में भ्रस्टाचार सदियों से रहा है | इसका उदाहरण प्रथम चीन-जापान युद्ध के दौरान उनके उत्तरी बेड़े के विनाश का कारण तोप के गोलों में बारूद के बजाय रेत का भरा होना था | उस समय, चीन के साम्राज्ञी के लिए नाव के आकार में एक संगमरमर के मंडप को बनाने के लिए सेना के लिए सुनिश्चित धन का एक बड़ा हिस्सा निकाल उस पर खर्च कर दिया जाना था।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपनी सेना पीएलए पर मजबूत नियंत्रण बनाये रखना चाहती है, लेकिन पी ल ए के सभी गतिविधियों पर उनकी पार्टी की निगरानी कमजोर है। भ्रष्टाचार के मामले चीनी सेना के भीतर भी उतने ही हैं जितने पार्टी के बाकी हिस्सों में, लेकिन पी ल ए के महत्वपूर्ण विभागों में हेरा फेरी उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित रूप से विनाशकारी परिणाम दे सकते हैं । स्किम्ड फंड या घटिया मानकों के परिणामस्वरूप खराब तरीके से बनाए गए पुल या स्कूल घातक तो हैं; पर यह पता चलने पर कि मिसाइलें काम नहीं करतीं क्योंकि उनके रखरखाव की निधि या तो चोरी हो गई या फिर घटिया पुर्जे इस्तेमाल करने से अपने लक्ष्य से चूक गयी का मतलब चीन के लिए युद्ध हारना भी हो सकता है – और इससे सीसीपी के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। गौरमतलब है की अमेरिकी सीनेटर के ताइवान दौरे के समय चीन ने 11 ब्लास्टिक मिसाइल दागी थी ,हो सकता है की उनके लक्ष्य या उपेक्षित पथ हासिल न कर पाये हों और दूसरा कारण चीन द्वारा रूस को मिसाइल समबंधित क्रिटिकल पुर्जे देने में भी खामियां उजागर हो गयी हों | कारण स्पस्ट नहीं हैं चीनी सेना में भ्रस्टाचार इस कदर फैला हुआ है की उन्होंने टोल टैक्स से बचने के लिए सामान्य नागरिकों को सैन्य लाइसेंस प्लेट तक बेच दिए और तो और चीनी व्यवसायियों को सैन्य का हेलीकॉप्टर भी पैसे लेकर इस्तेमाल करने के लिए दे दिए | बीजिंग के शासक इन सैन्य भ्रष्टाचार को नजर अंदाज़ करते आये है | 2014 के आसपास, पी ल ए की लॉजिस्टिक समस्याएं बहुत ज्यादा थीं | खराब रखरखाव के कारण, मिसाइल यूनिटों ने निरीक्षण के लिए केवल कुछ मिसाइलों को ही कार्यशील स्थिति में रखा था। 2017 में विदेशों में चीन द्वारा बेचे गए गोला-बारूद के साथ बार-बार होने वाली समस्याओं का भी जिक्र किया गया ।पाकिस्तान आर्मी और उनके बाज़ार में चीन में निर्मित सामान के बारे में एक कहावत बहुत ही मशहूर है, चले तो चाँद तक नहीं तो शाम तक |
हालाँकि चीनी पत्रकार कभी-कभी उनके देश में भ्रष्टाचार और घोटालों को उजागर और रिपोर्ट करते रहें हैं, लेकिन अधिकांश रिपोर्ट प्राइवेट व्यपार कर रहे नागरिकों पर ही होता है | कम्युनिस्ट पार्टी से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों ,पुलिस और पीएलए पर कोई रिपोर्ट नहीं कर सकता है । सीसीपी के स्वामित्व वाले पीपुल्स डेली और ग्लोबल टाइम्स के सैन्य पत्रकारों ने भी सेना के बारे में साधारण जानकारी देने और रिपोर्ट करने में असमर्थ जाहिर करते रहें हैं और उन्हें पी ल ए यूनिटों के आसपास कड़ी सुरक्षा के बारे में शिकायत भी है। पर एक बात तो जगजाहिर है की चीन के मिसाइल यूनिट के नियंत्रण में खामियां हैं |