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रेलवे ट्रैक से हटे प्रदर्शनकारी, आज से दक्षिण पूर्व रेलवे की ट्रेन सेवा सामान्य होने की उम्मीद

हावड़ा : अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर और पुरुलिया जिले में पिछले पांच दिनों से रेलवे ट्रैक अवरोध कर प्रदर्शन कर रहे कुर्मी समुदाय के आंदोलनकारियों ने आखिरकार सरकार से आश्वासन मिलने के बाद शनिवार देर रात अपना आंदोलन वापस ले लिया है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को खाली कर दिया है। दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि प्रदर्शनकारी देर रात उन दो जगहों से हट गए, जहां बैठकर पिछले पांच दिनों से रेल पटरी अवरुद्ध कर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक पूरी तरह से खाली कर दिए गए हैं और अब इसका निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेलवे ट्रैकों के निरीक्षण के बाद जल्द से जल्द उक्त मार्ग पर ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि संभव हुआ तो इस मार्ग पर आज सुबह 10 से 11 बजे के बीच ही रेल सेवा सामान्य हो जाएगी।

बता दें कि बंगाल में पिछले पांच दिनों से जारी कुर्मी समुदाय के लोगों के प्रदर्शन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के दो खंडों पर ट्रेन सेवा और राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार से ही प्रभावित थी। प्रदर्शनकारी पुरुलिया जिले में आद्रा मंडल के कुस्तौर में और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर मंडल के खेमासुली में रेलवे पटरियों पर जमा थे, जिसके कारण बीते पांच दिनों में अब तक दक्षिण पूर्व रेलवे को 250 से ज्यादा ट्रेनों को रद करना पड़ा है। साथ ही इस अवधि में बड़ी संख्या ट्रेनों के मार्ग परिवर्तन के साथ दर्जनों ट्रेनों की गंतव्य से पहले यात्रा समाप्त की गई।रद ट्रेनों में हावड़ा व अन्य स्टेशनों से खुलने वाली लंबी दूरी की कई प्रमुख ट्रेनें शामिल थीं। इसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कई दिनों से लगातार ट्रेनें रद होने के चलते शुक्रवार व शनिवार को यात्रियों ने हावड़ा स्टेशन पर भी जमकर हंगामा किया था।

दरअसल, कुर्मी समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के अलावा कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की  मांग कर रहे हैं।प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार  सुबह चार बजे से ही बंगाल, ओडिशा और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई रेलवे स्टेशनों पर आंदोलन शुरू किया था।हालांकि, उसी दिन शाम में अन्य सभी स्टेशनों पर जाम हटा लिया गया लेकिन यह खेमासुली और कुस्तौर में जारी था। प्रदर्शनकारियों ने खेमासुली में राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बाधित कर दिया था, जिससे कई मालवाहक वाहन और बसें मार्ग पर फंसी रहीं और वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी।

ट्रक चालकों ने कहा कि  उनके खाने-पीने का सामान लगभग खत्म हो गया है। एक ट्रक ड्राइवर ने कहा, हमलोग चार दिन से फंसे हुए हैं, हमारे खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है और हमें दिक्कत हो रही है। रात में सुरक्षा की समस्या होती है। इधर, पांच दिन बाद आंदोलन वापस लिए जाने के बाद अब रेलवे से लेकर आम लोगों सभी ने राहत की सांस ली है।

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