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भारतीय सीमा में घुसकर बीएसएफ जवानों पर हमला, जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर

 

सोनु झा

 

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बीएसएफ व तस्करों के बीच फिर मुठभेड़ हुई है। सीमा पार से तस्करों के समूह द्वारा कंटीली बाड़ पार कर भारतीय सीमा में घुसकर जबरन तस्करी की कोशिश व जवानों पर हमले के बाद बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गया।

बीएसएफ सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यह घटना मंगलवार देर रात तब हुई जब दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 70वीं बटालियन के जवान मालदा के कालियाचक थाना के तहत सीमा चौकी नवादा इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी कर रहे थे। जवानों ने इस दौरान अपनी जान पर खेलकर तस्करों के मंसूबे को नाकाम कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, गश्त कर रहे बीएसएफ जवानों ने 15 से 20 तस्करों के एक समूह को कंटीली बाड़ पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए देखा। जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए तस्कर लगातार सीमा की तरफ बढ़ रहे थे। नजदीक जाकर जवानों ने जब रोकना चाहा तो तस्करों ने उनपर हमला कर दिया।

तस्करों का आक्रामक रवैया देखकर जवानों ने उन्हें खदेडऩे के लिए पहले एक चिल्ली ग्रेनेड फेंका। तस्कर फिर भी नहीं रुके और हमला जारी रखा। आखिरकार, जान का खतरा देख जवानों दो राउंड फायङ्क्षरग की, जिसमें एक तस्कर घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। बाकी तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। मौके से 75 बोतल फेंसेडिल और एक धारदार हथियार भी जब्त किया गया।


मारे गए तस्कर की पहचान शाहिदुल शेख, जिला- चपाईनवाबगंज, बांग्लादेश के रूप में हुई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मालदा मेडिकल हास्पिटल को सौंप दिया गया। बीएसएफ ने जब्त सामानों को कालियाचक थाने में सौंपने के साथ घटना की प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। जांच में सामने आया है कि शाहिदुल का नाम इससे पूर्व तीन दिसंबर, 2022 को फेंसेडिल की तस्करी में पकड़े गये तस्कर ने भी लिया था।

 

तस्कर अक्सर करते हैं जवानों पर हमला : बीएसएफ डीआइजी

इधर, बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी एके आर्य ने बताया कि जब तस्करों को उनके गलत मंसूबों में सफ़लता नहीं मिल पाती तो वे झुंझलाकर वे जवानों पर अक्सर जानलेवा हमला करते हैं, जिसकी वजह से कई बार हमारे जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कई जवानों की जान तक जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जवान सीमा सुरक्षा के साथ तस्करी रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बार तस्करों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

 

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