संघमित्रा सक्सेना
बैरकपुर: बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ देवीप्रसाद हाईस्कूल में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह के बारे में बच्चों को सतर्क किया गया। इसके अलावा मानव तस्करी जो बॉर्डर में स्थित राज्यों की आम समस्या है। इसके बारे में भी स्कूल जानेवाले बच्चों से खुल कर बात की गई। बता दे कि हर साल 11 जनवरी मानव तस्करी जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
*मानव तस्करी से जुड़े पांच जरूरी बातें*
*मानव तस्करी से बचने के लिए जितना हो सके सोसाइटी में जागरूकता फैलाएं। 11 जनवरी सिर्फ नहीं, जब भी मौका मिले इससे जुड़े बैठक की आयोजन करे जिससे बच्चें समय समय पर जागरूक हो।
* मानव तस्करी के खिलाफ मुहिम छेरते हुए नीले रंग की पोशाक की इस्तेमाल करे।
*सोशल मीडिया में अनजान लोगों से सावधान रहें।
*ग्लैमरस जॉब ऑफर मतलब खतरे की घंटी,तुरंत सावधान हो जाएं।
* मानव तस्करी का एक बहुत बड़ा हथियार इंस्टेंट लव है। इससे हमेशा बचना होगा। प्यार की झांसा देकर तस्कर अपनी शिकारी को जाल में फंसते है।
*ऑनलाइन गेमिंग ऐप से हमेशा सतर्क रहना है। इससे स्ट्रेंजर्स अपनी टारगेट को चुनती है और मासूम बच्चें तस्करों के जाल में फंस जाते हैं।
बता दे कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में ब्लू कैंपेन एक अंतर्राष्ट्रीय जागरूक अभियान है मानव तस्करी के खिलाफ। विक्टिम को पहचानने के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तकनीक की यूज करने में ब्लू कैंपेन डीएचएस की साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है।
*भारत और मानव तस्करी*
*भारत में इस समस्या से निपटने के लिए आईटीपीए(इम्मोर्टल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट) 1956 लागू की गई थी।
*भारत की संविधान में आर्टिकल 23(1) की तहत मानव तस्करी अवैध है।
*क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2013, 370 और 370A की अनुसार मानव तस्करी, मानव अंगो की तस्करी, स्लेवरी, शोषण कानून की नजर में अपराध हैं।
*प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस(पोक्सो) एक्ट 2012 के अनुसार बच्चों की शोषण और जिस्म फरोसी के धंधा में बच्चों को जबरन धकेलना बहुत बड़ा अपराध है।
*चाइल्ड लेबर एक्ट 1986, ह्यूमन ऑर्गन एक्ट 1984, इंडियन पैनल कोड अंडर सेक्शन 372 और 373 के अनुसार प्रोस्टिटीशन के लिए बच्चियों का जबरन इस्तेमाल सरासर गलत है।
*भारत की अहम कदम मानव तस्करी के खिलाफ*
*एटीसी यानी एंटी ट्रैफिकिंग सेल इससे शक्ति से निपट रही है।
*मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर भारत के 270 जिलों में जागरूकता अभियान चलाया है।
* देश के अलग अलग राज्य में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टोट) वर्कशॉप चलाया जा रहा है।
* बिहार छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश तमिलनाडु झारखंड उड़ीसा महाराष्ट्र हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में जुडिशल कोलोकिम की गठन की गई। लेकिन इसमें अभी भी पश्चिमबंगल की नाम नहीं है। लेकिन नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की मुताबिक पश्चिमबंगल मानव तस्करी में प्रथम तीन राज्य में सामिल है।