कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की महिला जज के पति पर लगे आरोपों के मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है।
बिधाननगर दक्षिण पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को एक महीने के भीतर मामले में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। जांच की प्रगति के संबंध में स्थिति रिपोर्ट अगले माह जनवरी में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। राज्य ने इस दिन सुप्रीम कोर्ट को 48 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस जांच में कई विसंगतियां हैं। हालांकि हम जांच के इस चरण में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। पुलिस को कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए।
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक महिला जज के पति पर सत्ता का दुरुपयोग कर एक आपराधिक मामले में अवैध रूप से हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है। वह पेशे से वकील भी हैं। 64 वर्षीय विधवा और उसकी बेटी की जमीन से संबंधित शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीआइडी जांच का आदेश दिया था।