Breaking News

बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की एंटी रैगिंग कैंप

संघमित्रा सक्सेना

नॉर्थ 24 परगना: बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से नरूला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एंटी रैगिंग कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप की मुख्य उद्देश्य हैं युवा पीढ़ी को रैगिंग के खिलाफ सतर्क करना। रैगिंग एक क्रिमिनल ऑफेंस हैं, इसके बारे में  बच्चों को जागरूक करना इस शिविर की मूलभूत उद्देश है।

*रैगिंग क्या है?*

मनोविज्ञान की अनुसार रैगिंग एक तरह की दंभिक मानसिक दशा है। जिसके जरिए सीनियर अपनी पद की इस्तेमाल करते हुए जूनियर को शोषण करता है। कभी मजाक से, कभी पॉलिटिक्स, तो कभी क्रूरता से अपनी बात मनवाने में और अपनी खोखली धौष कामयाब करने किसी भी हद पार कर जाती है।  यह मानसिकता प्रवण बच्चें जब कामकाजी होते है वहां भी यह ऐसी ही हरकत करती है। सिर्फ तरीका अलग होता है।

*भारत में कब रैगिंग शुरू हुआ?*

1873 में भारत में पहली रैगिंग की घटना सामने आई। इस दौरान सात मेडिकल छात्रों को रैगिंग करने की आरोप में निलंबित किया गया था। बता दे कि  पश्चिमी देशों में 7वीं शताब्दी से इस कुप्रथा की शुरुवात हो चुकी थी। ग्रीस के खेल समुदाय में जो नए खिलाड़ी सामिल होता था उनकें साथ स्पोर्ट्स स्पिरिट समझने की आर में रैगिंग किया जाता था।

*कैसे निपटे?*

रैगिंग से निपटने के लिए नैशनल एंटी रैगिंग फोन नंबर जारी किया गया है। 18001805522 नंबर पर संपर्क करें। इसके अलावा बैरकपुर कमिश्नरेट की ऑफिशियल नंबर पर भी आपातकालीन स्थिति में संपर्क कर सकते है।

About editor

Check Also

विगत पिछले पांच साल से मानव सेवा का कार्य कर रही है विद्यापति जन कल्याण सेवा संस्थान

  ‘सब तीरथ बार बार गंगासागर एक बार।’   देश-विदेश से लाखों की संख्या में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *