कोलकाता : राजधानी कोलकाता के हरिदेवपुर थाना इलाके में नेत्रहीनों (ब्लाइंड) के एक स्कूल और बाल गृह में तीन नाबालिग लड़कियों के साथ कथित रूप से दुष्कर्म का मामला सामने आया है।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में उक्त होम के निदेशक तथा प्रधानाध्यापक समेत तीन लोगों को गुरुवार रात गिरफ्तार किया। पुलिस ने यह जानकारी दी। गिरफ्तार लोगों में होम का रसोइया भी शामिल है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इनमें एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर पिछले 10 साल से दुष्कर्म होने का आरोप है। पुलिस को दिए बयान में उक्त लड़की ने खुलासा किया कि वह एक बार गर्भवती तक हो गई थी और जबरन गुप्त तरीके से उसका गर्भपात कराया गया था।
आरोप है कि साल 2010 से ही उक्त होम में नाबालिगों को प्रताडि़त किया जा रहा था।
डीएफ ब्लाइंड स्कूल नाम से यह निजी होम 1988 से चल रहा है, जिसे एक एनजीओ द्वारा संचालित किया जाता है।
पीडि़त लड़कियों की मेडिकल जांच कराई गई है। होम की लड़कियों ने इस संबंध में सबसे पहले राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी। इसके बाद आयोग ने पुलिस को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई है।
आरोपितों के नाम जीवेश दत्ता (निदेशक व होम के संस्थापक) एवं बब्लू कुंडू (रसोइया) बताया गया है, जबकि महिला प्रधानाध्यापक के नाम का पुलिस ने फिलहाल खुलासा नहीं किया है।
पाक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज
गिरफ्तार लोगों के खिलाफ पाक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि होम की प्रधानाध्यापक ने इस प्रताडऩा की खबर मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।
यह निजी होम एक एनजीओ द्वारा संचालित होता है। एक अधिकारी ने बताया कि आरोप सामने आने के बाद संस्थान में पढऩे वाले सभी बच्चों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है और मामले की जांच जारी है। इस होम में झारखंड के गिरिडीह के भी कुछ बच्चे थे। लड़के- लड़कियां दोनों इस होम में रहते थे। कुल 40 लड़के-लड़कियों को इस होम से सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने की बात कही गई है।